CBSE बोर्ड एग्जाम 2025: शब्द सीमा, स्पेलिंग गलतियां, सही लिखने की गति और मार्किंग नियम – आपके सभी सवालों के जवाब!
केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (CBSE) की कक्षा 10 और 12 की बोर्ड परीक्षाएं 15 फरवरी 2025 से शुरू होंगी। परीक्षा का समय सुबह 10:30 बजे निर्धारित किया गया है। छात्र परीक्षा प्रक्रिया से जुड़ी महत्वपूर्ण जानकारियों के लिए नीचे दिए गए अक्सर पूछे जाने वाले सवाल (FAQs) पढ़ सकते हैं।

प्री-बोर्ड परीक्षा और बोर्ड परीक्षा के लिए पात्रता
- उद्देश्य: प्री-बोर्ड परीक्षा का मकसद छात्रों की तैयारी का आकलन करना है।
- बोर्ड परीक्षा पर असर: यदि कोई छात्र प्री-बोर्ड परीक्षा में फेल हो जाता है, तो भी वह बोर्ड परीक्षा में बैठ सकता है, बशर्ते वह पात्रता मानदंडों को पूरा करता हो।
प्री-बोर्ड के अंक और अंतिम बोर्ड परीक्षा के अंक
- प्री-बोर्ड परीक्षा के अंक बोर्ड परीक्षा के अंतिम अंकों में नहीं जोड़े जाते।
भाषा विषयों में शब्द सीमा और स्पेलिंग गलतियां
- शब्द सीमा से अधिक लिखने पर कोई अंक नहीं काटे जाएंगे।
- स्पेलिंग गलतियों और अन्य भाषा संबंधी त्रुटियों के लिए अंक काटे जा सकते हैं।
CBSE बोर्ड सैंपल पेपर
- उद्देश्य: सैंपल पेपर से परीक्षा पैटर्न और प्रश्नों के प्रकार की समझ मिलती है।
- महत्वपूर्ण जानकारी: वास्तविक परीक्षा में प्रश्न संपूर्ण सिलेबस से आ सकते हैं, इसलिए पूरे पाठ्यक्रम का अध्ययन करना आवश्यक है।
सिलेक्टिव स्टडी बनाम संपूर्ण तैयारी
- CBSE सिर्फ महत्वपूर्ण चैप्टर पढ़ने की बजाय पूरे सिलेबस की तैयारी करने की सलाह देता है ताकि विषयों की गहरी समझ हो।
लिखने की गति कैसे बढ़ाएं?
- नियमित अभ्यास करने से लिखने की गति सुधरती है।
- CBSE की सलाह:
- लिखने से पहले उत्तर की रूपरेखा तैयार करें।
- समय बचाने के लिए उत्तर को बिंदुओं में लिखें।
- प्रश्न छोड़ने से बचें।
थ्योरी और प्रैक्टिकल परीक्षा के नियम
- यदि कोई छात्र थ्योरी परीक्षा में फेल होता है लेकिन प्रैक्टिकल में पास होता है, तो उसे सिर्फ थ्योरी परीक्षा दोबारा देनी होगी। प्रैक्टिकल के पुराने अंक मान्य होंगे।
ड्रॉपर्स (पिछले वर्ष फेल हुए छात्र) के लिए सिलेबस
- एक साल के गैप के बाद दोबारा परीक्षा देने वाले छात्रों को उसी वर्ष का सिलेबस फॉलो करना होगा, जिस वर्ष वे परीक्षा दे रहे हैं।

कक्षा 10 और 12 के लिए सुधार परीक्षा (Improvement Exam)
- कक्षा 12: छात्र एक विषय में सुधार परीक्षा दे सकते हैं (सप्लीमेंट्री परीक्षा में या अगले वर्ष)।
- कक्षा 10: छात्र दो विषयों तक सुधार परीक्षा दे सकते हैं (सप्लीमेंट्री परीक्षा में या अगले वर्ष)।
सप्लीमेंट्री परीक्षा के प्रयास (Attempts)
- पहला प्रयास: उसी वर्ष जुलाई/अगस्त में।
- दूसरा प्रयास: अगले वर्ष फरवरी/मार्च/अप्रैल में।
- तीसरा प्रयास: अगले वर्ष जुलाई/अगस्त में।
कक्षा 12 के लिए पासिंग क्राइटेरिया
- छात्रों को पांच विषयों में पास होना आवश्यक है।
- उन्हें प्रत्येक में कम से कम 33% अंक प्राप्त करने होंगे:
- थ्योरी में।
- इंटरनल असेसमेंट, प्रोजेक्ट या प्रैक्टिकल में।
- कुल मिलाकर।
सुधार परीक्षा और अतिरिक्त विषय
- सुधार परीक्षा देने वाले छात्र एक साथ अतिरिक्त विषय की परीक्षा नहीं दे सकते।
अंकों की पुनः जांच (Verification) और पुनर्मूल्यांकन (Re-Evaluation)
- यदि छात्र अपने अंकों से संतुष्ट नहीं हैं, तो वे:
- अंकों की पुनः जांच के लिए आवेदन कर सकते हैं।
- अपनी जांची गई उत्तर पुस्तिका की फोटोकॉपी प्राप्त कर सकते हैं।
- पुनर्मूल्यांकन (Re-evaluation) के लिए आवेदन कर सकते हैं (निर्धारित शुल्क भुगतान कर, CBSE द्वारा तय समयसीमा में)।
पुनर्मूल्यांकन के बाद अंकों में बदलाव
- अंक बढ़ भी सकते हैं और घट भी सकते हैं।
- पुनर्मूल्यांकन के बाद घोषित परिणाम ही अंतिम होगा।
पुनर्मूल्यांकन के बाद नई मार्कशीट
- यदि अंकों में बदलाव होता है, तो CBSE नई मार्कशीट जारी करेगा, बशर्ते पुरानी मार्कशीट सरेंडर की जाए।
बोर्ड परीक्षा में दोबारा शामिल होना
- जो छात्र कक्षा 10 या 12 की बोर्ड परीक्षा में फेल हो जाते हैं, वे दोबारा परीक्षा दे सकते हैं:
- प्राइवेट उम्मीदवार के रूप में।
- अपने स्कूल के माध्यम से नियमित छात्र के रूप में।
इस गाइड में CBSE बोर्ड परीक्षा 2025 से जुड़े सभी महत्वपूर्ण सवालों के जवाब दिए गए हैं। आपकी परीक्षा की शुभकामनाएं! 🎯📚
You may Like: CBSE 2025 बोर्ड परीक्षा: कठिन विषयों को आसानी से कैसे संभालें?