CBSE कक्षा 10 गणित परीक्षा संपन्न: कठिन और लंबा पेपर, छात्रों-शिक्षकों की मिली-जुली प्रतिक्रिया
केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (CBSE) ने कक्षा 10 की गणित परीक्षा पूरी करवा ली है। प्रारंभिक प्रतिक्रियाओं के अनुसार, शिक्षकों और छात्रों का मानना है कि गणित का पेपर जटिल और लंबा था, जिसमें कोई भी प्रश्न सीधे नहीं था।
उन्होंने बताया कि प्रश्न NCERT पाठ्यक्रम के अनुरूप थे और जिन छात्रों ने अच्छी तैयारी की थी और जिनकी अवधारणाएँ स्पष्ट थीं, वे इन प्रश्नों को आसानी से हल कर सकते थे।

छात्रों की राय
विद्या ज्ञान स्कूल, डुलेरा के छात्र आशीष ने बताया कि उसे सेट 1 मिला था। “सेट 1 विशेष रूप से कठिन था, खासकर बहुविकल्पीय प्रश्न (MCQs)। अधिकतर 3 और 5 अंकों के प्रश्न जटिल थे, विशेष रूप से त्रिकोणमिति से जुड़े प्रश्न,” आशीष ने कहा।
इसी स्कूल के एक अन्य छात्र, विशाल ने बताया कि सेट 2 अन्य सेटों की तुलना में थोड़ा आसान था, लेकिन उसने विशेष रूप से प्रश्न संख्या 25 को कठिन बताया, जो निर्देशांक ज्यामिति (coordinate geometry) पर आधारित था।
CBSE गणित का पेपर: चुनौतीपूर्ण और लंबा
बेंगलुरु स्थित जैन इंटरनेशनल रेजिडेंशियल स्कूल में गणित के शिक्षक वामनराव एस पाटिल के अनुसार, कक्षा 10 का गणित प्रश्न पत्र उचित रूप से चुनौतीपूर्ण था और थोड़ा लंबा भी था। उन्होंने कहा कि NCERT से गहरी तैयारी करने वाले छात्रों को लाभ हुआ होगा।
पाटिल ने आगे बताया कि पेपर संतुलित था और यह छात्रों की अवधारणात्मक समझ, गणितीय संकल्पनाओं, समस्या समाधान क्षमताओं और उनके अनुप्रयोगों का परीक्षण करता था। उन्होंने यह भी कहा कि पेपर में कोई भी प्रश्न सीधा नहीं था, और अधिकांश प्रश्न दक्षता-आधारित (competency-based) थे।
Shaalaa.com के संस्थापक एंथनी फर्नांडिस ने कहा कि पिछले वर्ष की तुलना में इस वर्ष के पेपर का कठिनाई स्तर समान था, लेकिन इसमें बीजगणित (Algebra) और ज्यामिति (Geometry) से अधिक विश्लेषणात्मक प्रश्न पूछे गए थे।
ग्लोबल इंडियन इंटरनेशनल स्कूल, नोएडा की शिक्षिका सुनीति शर्मा ने कहा कि MCQs कठिन थे और अधिक गणना (calculation) की आवश्यकता थी, जिससे पेपर लंबा हो गया। उन्होंने कहा, “प्रश्नों की भाषा स्पष्ट और सटीक थी। कुल मिलाकर, यह एक मध्यम स्तर का पेपर था।”
शिव नादर स्कूल, फरीदाबाद के PGT गणित शिक्षकों – श्वेता चौधरी और गौतम ठकराल के अनुसार, गणित परीक्षा मध्यम स्तर की थी, जिसमें कुछ कठिन प्रश्न भी थे। हालांकि, यह मुख्य रूप से पाठ्यक्रम और प्री-बोर्ड परीक्षा पैटर्न के अनुरूप था। जो छात्र पिछले आकलनों के माध्यम से अच्छी तैयारी कर चुके थे, उन्हें पेपर हल करने में आसानी हुई और कई छात्रों ने उच्च अंक प्राप्त करने का आत्मविश्वास व्यक्त किया।
शिव नादर स्कूल, नोएडा की छात्रा राधिका शर्मा, जिन्होंने CBSE कक्षा 10 गणित परीक्षा दी, ने कहा, “पेपर देखकर मैं काफी खुश थी क्योंकि कक्षा में पढ़ाए गए कई प्रश्न इसमें शामिल थे, लेकिन इन्हें हल करने में अधिक समय लगा। हालांकि, सेट 3 के प्रश्न संख्या 32 में BPT (Basic Proportionality Theorem) को लेकर एक अस्पष्टता थी। केस स्टडी आधारित प्रश्न भी कठिन थे।”
न्यायसंगत और सुव्यवस्थित प्रश्न पत्र
शिक्षकों और छात्रों के अनुसार, CBSE परीक्षा मुख्य रूप से NCERT पाठ्यक्रम पर आधारित थी और इसमें विभिन्न कौशलों का मूल्यांकन किया गया, जैसे कि ज्ञान की पुनर्प्राप्ति (knowledge recall), आलोचनात्मक सोच (critical thinking), अवधारणात्मक स्पष्टता और उसका अनुप्रयोग।
अमिटी इंटरनेशनल स्कूल, गाजियाबाद की प्रधानाचार्य रैना कृष्णात्रय ने कहा, “परीक्षा का कठिनाई स्तर मध्यम था, जिसमें विभिन्न प्रकार के प्रश्न शामिल थे, जो अलग-अलग स्तरों की समझ को परखने के लिए डिज़ाइन किए गए थे। आंतरिक विकल्प, 1 अंक वाले प्रश्न और केस स्टडी-आधारित प्रश्न CBSE के पिछले वर्षों के सैंपल पेपर्स के अनुरूप थे।”
सेठ आनंदराम जयपुरिया स्कूल, लखनऊ के शिक्षक करण ने भी परीक्षा को एक मानक प्रारूप वाला बताया। उन्होंने कहा, “हालांकि, कुछ छात्रों को यह महसूस हुआ कि गणित का पेपर गणनाओं की अधिकता के कारण थोड़ा लंबा था। इसके अलावा, कुछ कठिन प्रश्न भी थे, लेकिन छात्र उनके लिए अच्छी तरह से तैयार थे।”
सिल्वरलाइन प्रेस्टिज स्कूल, गाजियाबाद के TGT गणित शिक्षक वीरेंद्र पंचाल के अनुसार, कक्षा 10 गणित प्रश्न पत्र को छात्रों और शिक्षकों दोनों से सकारात्मक प्रतिक्रिया मिली और यह CBSE के सैंपल पेपर्स के अनुरूप था।
उन्होंने कहा, “छात्रों द्वारा समय पर परीक्षा समाप्त करना और केस स्टडी-आधारित प्रश्नों को आसानी से हल करना यह दर्शाता है कि पेपर संतुलित और सुगम था। साथ ही, उचित विकल्पों की उपलब्धता ने छात्र संतोष में योगदान दिया, जिससे परीक्षा सफल रही।”
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